Loneliness is a feeling where a person begins to prefer solitude (tanhai). This often happens when someone has been betrayed in love or becomes tired of the words and behavior of people or friends. Such a person looks for a few lines that can truly express their emotions and feelings. That’s why we have curated this deep article on Alone Shayari in Hindi. When you read it, you will feel comforted and find peace in your loneliness. Don’t forget to share it with your friends and loved ones.
Table of Contents
ToggleBest Alone Shayari In Hindi

मैं मनाता हूँ जश्न महफ़िल तन्हाई में झूम कर
मुझ से इंसानों की महफ़िल में मुस्कराया नहीं जाता.
तन्हाइयों में सुकून है साहब
महफ़िलों में दिल टूट जाते हैं.
तमाम रात मेरे घर का इक दर खुला रहा
मैं राह देखती रही वो रास्ता ही बदल गया.
अपनी जिन्दगी भी उस चाँद की मानिंद है
जो सुंदर दिखता है मगर है बहुत अकेला.
तन्हाई ये नहीं है कि आप वीराने में हैं
तन्हाई वो है जो आप भरे शहर में भी अकेले हैं.
मिज़ाज दुनिया से ज्यों-ज्यों वाकिफ़ होता जा रहा हूँ
मैं तन्हा और तन्हा तन्हा होता जा रहा हूँ.
वैसे कहने को तो अपने बहुत हैं मेरे इस जहाँ में
लेकिन हर बार खुद को ही अपने होने का एहसास दिलाया मैंने.
तुम कभी भी नहीं जान सकते
भीड़ में तन्हा होना कैसा होता है.
अकेला हूँ अकेली जिंदगी की शाम कर दूँगा
मैं अपनी हर खुशी तन्हाइयों के नाम कर दूँगा.
यूँ न कहो कि किस्मत की बात है
मेरी तन्हाई में कुछ तुम्हारा भी हाथ है.
Sad Alone Shayari in Hindi

तन्हाई वही लोग पसंद करते हैं
जिन्होंने रौनक से चोटें खाई हों.
तन्हाइयाँ कुछ इस तरह अपने अंदर बस गईं
हम जहाँ पहुँचे हमारे साथ वीराने गए.
इश्क ने देखो कैसी तबाही मचा रक्खी है,
आधी दुनियां पागल, आधी शायर बना रक्खी है.
आज इतना तन्हा महसूस किया खुद को
जैसे कोई दफ़नाकर चला गया हो.
वही छीन लेते हैं मुस्कान चेहरे की,
जिन्हे बता दिए जाए की तुम जरूरी हो.
चार दिन आंखो में नमी होगी,
मैं मर भी जाऊं तो क्या कमी होगी.
ज़ौक तन्हाई कुछ बढ़ गया इतना कि
हम ने खुद को ही खुद से निकाल फेंका.
करनी नही आती तुम्हे मोहब्बत फिर भी करते हो,
पाना भी नही चाहते और खोने से डरते हो.
Alone Shayari 2 Lines in Hindi
देखो न कितने उदास हैं तुम्हारे बिना हम
तरस नहीं आता तुम्हें हमें यूँ तन्हा छोड़कर.
मैं अपनी तन्हाई में तन्हा बेहतर हूँ
मुझे ज़रूरत नहीं दो पल के सहारों की.
हर मुलाकात का अंजाम जुदाई क्यों है,
अब तो हर वक्त यही बात सताती है हमें.
अपनी तन्हाइयों से घबराकर
बहुत से आईने खरीद लाया हूँ.
अब जुदाई के सफफर को मेरे आसान करो
तुम मुझे ख़्वाब में आकर न परेशान करो.
तन्हाइयाँ कुछ इस तरह से डसने लगीं मुझे
मैं आज अपने पैरों की आहट से डर गया.
ये ठीक है नहीं मरता कोई जुदाई में
खुदा किसी को किसी से मगर जुदा न करे.
इस दिल में जगह मांगी थी मुसाफिर की तरह
उसने तन्हाइयों का एक शहर मेरे नाम कर दिया
दिल से निकली ही नहीं शाम जुदाई वाली
तुम तो कहते थे बुरा वक्त गुजर जाता है.
बेवफा शायरी दिल टूटने वाली
घड़ी की टिक टिक को मामूली ना समझें,
ज़िंदगी के दरख़्त पर कुल्हाड़ी के वार हैं.
मैं गुनहेगर भी हु तो खुद का हु,
मैने अपने सिवा किसी को बर्बाद नही किया.
राह देखेंगे तेरी चाहे ज़माने लग जाए,
या तू आ जाए या हम ही ठिकाने लग जाए.
हमारे ऐब तो उजागर है साहब,
फिक्र वो करे जिनके गुनाह परदे में हैं.
तुम से अच्छे तो मेरे दुश्मन है,
जो बात बात पर कहते है तुम्हे छोड़ेंगे नहीं.
चांद की कीमत वो क्या जाने,
जो सूरज ढलते ही सो गए.
मत पूछ मेरे जागने की वजह ए चांद,
कोई तेरा ही हमशक्ल है जो सोने नहीं देता.
खुदा बदल ना सका आदमी को आज भी,
और आदमी में सैकड़ों खुदा बदले.
भूलना इतना आसन होता,
तो उसे कबका भुला दिया होता.
ये जिंदगी भी ना आईने की तरह है,
ये तभी मुस्कुराएगी जब तुम.
मेरे अल्फाज सूली तक ले जाते है,
मेरी शायरी ना चुराना मारे जाओगे.
Feeling Alone Shayari in Hindi

जो लोग हमेशा साथ रहने का यकीन दिलाते हैं
इंसान अपनी तन्हाइयों में उन्हें ही ढूँढता रह जाता है.
फिराक यार ने बेचैन रात भर रखा
कभी तकिया इधर रखा कभी तकिया उधर रखा.
अकेलेपन ने बिगाड़ी हैं आदतें मेरी
वह लौट आए तो मुमकिन है सुधर जाऊँ मैं
सुकून की ख्वाहिश इंसान को
तन्हाई पसंद बना देती है
जिस पर ज़हर असर नहीं करता
तन्हाई उसे भी मार देती है
मेरे अल्फाज़ को तन्हाई रास आती है
मुझे पसंद है लोगों से फासला रखना
बिछड़ के तुमसे राह-ए-इश्क़ में हुआ कुछ इस तरह
हुए तन्हा चले तन्हा गिरे तन्हा
कौन आएगा भला मेरी अयादत के लिए
बस इसी खौफ से बीमार नहीं होता मैं.
तुझे खबर नहीं क्या शै है खौफ तन्हाई
ढले जो शाम तो खुद अपना घर डराता है
मैं ने लोगों की भीड़ में
लोगों को लोगों के लिए तरस्ते देखा है
Alone Shayari in Hindi for friends
तन्हाई अच्छी लगने लगी है
जब से झूठे दोस्तों की पहचान हुई है
एक पुराना मौसम लौटा याद भरी पुरवाई भी
ऐसा तो कम ही होता है वो भी हो तनहाई भी।
मैं किसी ऐसी जगह की तलाश में हूँ
जहाँ गहरी तन्हाई तो हो मगर एहसास तन्हाई न हो
उसके दिल में थोड़ी सी जगह माँगी थीमुसाफिरों की तरह
उसने तन्हाईयों का एक शहरमेरे नाम कर दिया।.
अजब से वो दिन थे अजब सी वो रातें
तन्हाई में तन्हाई से तन्हाई की बातें।.
साथ चलने को चले थे सब दोस्त लेकिन
मेरी मंजिल का साथी मेरा साया निकला
आज सोचा है दोस्ती कर लें
ख़ुद की तन्हाई से ही जी भर लें.
ए दोस्त, तू भी नहीं था मेरे पास दिलासे के लिए
मैं अपनी ही बाँहों में सिर रख के रो पड़ी
पूछने को मेरा हाल एक भी नहीं
कहने को मेरे दोस्त बहुत हैं
जब से लगा है तन्हाई का रोग मुझे
एक-एक कर के छोड़ गए सब दोस्त मुझे
Alone Boy Shayari in Hindi

वो कहते है तुम दिल से नही सोचते दिल
उनके पास है ये वो क्यों नही सोचते.
सितारों भरी रात थी
एक तन्हाई ही थी जो मेरे साथ थी.
माना के तुमसे ज़्यादा दूर हो गया हूँ मैं
मगर तेरे हिस्से का वक्त आज भी तन्हा गुजारता हूँ मैं.
जुदा भी हो के वो एक पल कभी जुदा न हुआ,
ये और बात है कि देखे उसे ज़माना हुआ.
तन्हाईयों का एक अलग ही मज़ा है
इसमें डर नहीं होता किसी के छोड़ जाने का.
लफ्जो मे बाते बया कर पाते तो कब का
कर देते मगर बयां करना नही आता हमे.
अपनों ने भी न सोचा कि उजड़ूँगी तो किधर जाऊँगी
आशीयाना जिनका न हो वो परिंदे अक्सर मर ही जाते हैं
यूँ है कि यहाँ नाम और निशाँ तक नहीं तेरा
और तुझ से भरी रहती है तन्हाई हमारी
न आज़माओ मुझे इतना कि मैं मजबूर हो जाऊँ
जो पहले ही तन्हा हो, उसे दर्द नहीं दिया करते
Alone Girl Shayari in Hindi

उसे न कहो कि किस्मत की बात है
मेरी तन्हाई में कुछ हाथ तुम्हारा भी है
हमेशा वही इंसान अकेला रह जाता है
जो खुद से ज्यादा दूसरों की फिक्र करता है
तेरे हिज्र में यूँ ज़र्द हुए जाते हैं
लोग तकते हैं तो हमदर्द हुए जाते हैं
दिल तो करता है कि मैं खरीद लूँ तेरी तन्हाई
मगर अफसोस, मेरे पास खुद तन्हाई के सवा कुछ नहीं
पत्थर की दुनिया जज्वात नहीं समझती
दिल में क्या है वो बात नहीं समझती ।.
मेरे मिज़ाज को तन्हाई रास आती है
मुझे पसंद है लोगों से फासला रखना
जब साथ देने वाले मुश्किलात पैदा करने लगे
तो तन्हाइयाँ ही बेहतर लगती हैं
हमारे पास मोहब्बत परस्त दिल है मगर
हमारे पास मोहब्बत को कोई शख्स नहीं
उसकी खुशबू से महकती है मेरी तन्हाई
याद उसकी मुझे तन्हा नहीं होने देती
दिल ही इस क़दर टूट चुका है कि
मुझे सिर्फ तन्हाई अच्छी लगती है